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श्रम एवं शान्ति का स्थल वीरायतन ! प्राकृतिक सुषमा का केन्द्र है गुणशील! और गणशील का सौरभ है, धर्म-यात्रियों के
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विपुलगिरि के शिखरों से उधर सूर्य की प्रभात-किरण धरा पर उतर रही हैं। इधर "चिदम्बरम्" सिद्धपीठ से पूज्य गुरुदेव का ज्ञान-आलोक जन-जन की मनोभूमि को
आलोकित कर रहा है।
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