SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 777
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ गणिसात्मक प्रणाली दो राशि अधिक संख्यात दो राशियां संख्यातमें संयुक्त करने हेतु यहाँ दो उदय लकीरें संख्यातकी संदृष्टिके ऊपर रखी गयी है। घटाना या व्यवकलन क्रियाकी संदृष्टियां अलग-अलग इन चारों सहनानियों द्वारा घटानेकी गणितीय प्रक्रिया दर्शायो जाती है। उदाहरण मागे दिये गये। एक कम कोटि को . अथवा 1 o el to c .:.* . ... : यहाँ कोटि ऋण एकको उदाहरण -रूपमें निरूपित किया गया है। १ के ऊपर ० का चिह्न बतलाता है कि १ को कोटि को में-से घटाया जाना है। इसी प्रकार नीचे भी। : यहाँ अनन्त ऋण एकका निदर्शन है। एक कम अनन्त on दो कम घनलोक : स्पष्ट है कि घनलोक = है तथा इस प्रदेश राशिमेंसे २ घटाया जाना है, अस्तु उसके ऊपर शून्य संकेत बनाया है। स्थानमान पद्धतिके विकासका इस उदाहरणसे पता चलता है। एक कम लक्ष : यहाँ १ की स्थिति बदल दी गयी है। ... दो कम लक्ष : यहाँ ऋण चिह्नने आधुनिक रूप लिया है। हालांकि यह प्राचीन है। दो कम कोटि को ww२ अथवा को. : यहाँ ऋणके लिए लहरिया लकीरको क्षतिज रूपमें लिया है। साथ ही ० की स्थिति बदल दी गयी है। ये सब क्रमिक विकासके चिह्न हैं, अथवा स्थानान्तर विकासक्रममें हैं। : किंचित् ऊनके लिए यह चिह्न वैज्ञानिक है, क्योंकि वह जिसे घटाया जाना है, लेखीमें नगण्य है, ख की किंचित् ऊन अनन्त तुलनामें। एकेन्द्री जीवराशि :यहाँ संसारी जीवराशि १३ में से विकलेन्द्री और सकलेन्द्री जीवराशियाँ घटायी गयी हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001326
Book TitleGommatasara Karma kanad Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2000
Total Pages828
LanguageHindi, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Principle, & Karma
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy