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स ०८ ८ । ख । ९९९
कोट्टु शेषैकभागदो प्रतिभाग भक्त बहुभागं
स
८
पूर्वोक्तकर्मादिदं वेयमपुर्वारवमिल्लि
८ । ख । ९९
सत्यायावरणदोळु बहुकमप्युदरिदं बहुभागमं कोट्टु शेषैकभागवोलु मत्तं प्रतिभागभक्तबहुभागमं
1
श्रुतावरण के कोट्टु शेषैकभागवोळ प्रतिभागभक्तबहुभागमं स ८
।
अवधिज्ञानावरणक्के कोट्टु शेषैकभागदोलु प्रतिभाग भक्तबहुभागमं स ०८ मनष्पय्र्यया.
८ । ख । ९९९९९
५ वरणक्के कोट्टु शेषैकभागमं केवलज्ञानावरणक्के कोडुउदु स ० १
तेन भक्त्वा बहुभागः स८ ८ ख ९
प्रतिभागभक्तवहुभागः स
1
बद्धानन्तबहुभागमं स ० ख पूर्वोक्तक्रर्मादिदं प्रतिभागभक्तबहुभागमं स
८। ख
गो० कर्मकाण्डे
स १ ८ ख ९९९९९
I
१० भागे प्रतिभाग भक्तबहुभागः स
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८ ख ९ ।९
दद्यात् ।
श्रुतावरणस्य देयः । शेषैकभागे प्रतिभागभक्तबहुभागः स ८
८ ख ९९९९
८ । ख । ९९९९९
ज्ञानावरणपञ्चकस्य पञ्चभिर्भक्त्या प्रत्येकं स
८ ८ ख ९९९९९
८ । ख । ९९९९
८ मत्यावरणस्य देयः । शेष भागे पुनः प्रतिभागभक्तबहुभागः स ८ ८९९९
अवधिज्ञानावरणस्य देयः । शेषक
मत्तं देशघातिप्रति
। ख ८ ८। ख ।९
८
८ ख ९।५
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देयः । शेषंकभागे
मन:पर्ययज्ञानावरणस्य देयः । शेर्पाकभागं केवलज्ञानावरणस्य
विभाग करते हैं - इस सर्वघाती द्रव्य में आवलीके असंख्यातवें भागसे भाग दें। एक भाग बिना बहुभाग पाँच समान भाग करके पाँचों प्रकृतियों में दें। जो एक भाग रहा उसमें आवलीके असंख्यातवें भागसे भाग दें, और एक भागको अलग रख बहुभाग मतिज्ञानावरणको दें । उस एक भागमें पुनः आवलीके असंख्यातवें भागरूप प्रतिभागसे भाग दें । १५ और बहुभाग श्रुतज्ञानावरणको दें। शेष एक भाग में भी प्रतिभागका भाग दें और बहुभाग ज्ञानावरणको दें। शेष एक भागमें भी प्रतिभागका भाग दें और बहुभाग मनःपर्ययज्ञानावरणको दें । शेष एक भाग केवल ज्ञानावरणको दें। इस प्रकार जो पूर्वमें समान भाग कहे थे उनमें अपने-अपने पीछेके एक-एक भागको जोड़ने से प्रतिज्ञानावरण आदिका सर्वघाती द्रव्य होता है । तथा ज्ञानावरणके द्रव्यके अनन्त भागों में से एक भागके बिना शेष २० बहुभाग देशघाती द्रव्य है । उसको उसी आवलीके असंख्यातवें भागरूप प्रतिभागले भाग
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