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दूसरे राष्ट्रों की स्वतन्त्रता को स्वीकार करने का अर्थ है कि उनके आन्तरिक व्यवस्था में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। आज छोटा-से-छोटा निर्बल राष्ट्र भी उतनी ही स्वतन्त्रता के साथ जी सकता है, जितना एक शक्तिशाली राष्ट्र | कोई किसी भी स्वतन्त्रता का हनन नहीं कर सकता । इतना ही नहीं, विश्व बैंक जैसी संस्थाओं के द्वारा अथवा मित्र राष्ट्रों के द्वारा कमजोर राष्ट्रों के विकास में मुक्त मन से सहयोग दिया जा रहा है । हर राष्ट्र की आजादी की सुरक्षा केवल एक राष्ट्र का प्रश्न न होकर अन्तर्राष्ट्रीय प्रश्न हो गया है । अगर कोई शक्तिशाली राष्ट्र किसी निर्बल राष्ट्र को दबोचना चाहता है, हड़पना चाहता है, तो ऐसा वह सहसा नहीं कर सकता | वैचारिक दुनिया में उसकी भर्त्सना होती है । उसे अमानवीय करार दिया जाता है । और कभी-कभी तो ऐसा भी होता है कि कमजोर राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अन्य राष्ट्र अपनी सेवा देने के लिए आगे भी आ जाते हैं | कुछ लोगों की नजरों में उन राष्ट्रों का यह अपना हित एवं स्वार्थ भी हो सकता है । कुछ भी हो, किसी न किसी रूप में अन्याय के प्रतिकार का एवं पारस्परिक सहयोग का मार्ग तो प्रशस्त हुआ ही है । गलत कार्य न किया जाए, उसके लिए U.N.O. जैसे विश्व, संस्थान भी दबाव डालने का प्रयत्न करते हैं । भले ही उसका मूल्य जितना होना चाहिए, उतना नहीं होता है ।
यह बात केवल सत्ता की दृष्टि से ही नहीं, विचारों की दृष्टि से भी कोई एक राज्य दूसरे राज्यों के विचारों से प्रभावित होना पसन्द नहीं करता । कोई किसी का पक्षकार होकर रहना नहीं चाहता । गुट निरपेक्ष समन्वय ब्यूरो-सम्मेलनों के द्वारा प्रयत्न किया जा रहा है कि कोई किसी की अन्तरंग व्यवस्था में हस्तक्षेप न करे । इस प्रकार एक दूसरे के साथ मैत्री के मधुर सम्बन्धों का विस्तार ही आज के युग की अपेक्षा है ।
अतीत में ऐसा नहीं था । साम्राज्य-विस्तार की महत्त्वाकांक्षा में एक राजा दूसरे राजा को युद्ध के द्वारा पराजित करके अपना शासन सुदृढ़ करता था। पड़ौसी राजाओं में आये दिन सीमा-युद्ध होते रहते थे। छोटे राज्य कभी ठीक तरह विकास नहीं कर पाते थे; उनके सिर पर शक्तिशाली राज्यों के आक्रमण का भय बना रहता था । एक दूस को हड़पने की ताक में घातप्रत्याघात होते रहते थे । राज्यों की शक्ति अधिकांश में सैन्य शक्ति पर केन्द्रित रहती थी । अत: तत्कालीन राजनीति का युद्ध ही एक केन्द्रीय समाधान था, उसी के इर्द-गिर्द
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