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________________ ३१२] तिलोयपण्णत्ती [४. १२६७ बारससयाणि पण्णाधियाणि संवच्छराणि पल्लद्धं । मोक्खोवदेसकालो संतिजिणिंदस्स णिहिटुं॥ १२६७ प१व १२५०। णभपणदुगसगछक्कट्टाणे णवसंखवासपरिहीणो। पल्लस्स चउब्भागो सो कालो कुंथणाहस्स ॥ १२६८ परिण व ९९९९९९७२५० । कोडिसहस्सा णवसयतेत्तीससहस्सवस्सपरिहीणा । णिव्वाणपयपयट्टणकालपमाणं अरजिणस्स ॥ १२६९ ९९९९९६६१००। पणवण्णवस्सलक्खा बावण्णसहस्सछस्सयविहीणा । अपवग्गर्मग्गपयढणकालो सिरिमलिसामिस्स ॥ १२७० वा ५४४७४०० । पंचसहस्सजुदाणि छ श्चिय संवच्छराण लक्खाणि । णिस्सेयपयपयट्टणकालो सुव्वयजिणिंदस्त ॥ १२७१ वा ६०५०००। अडसयएक्कसहस्सब्भहियाणं संवच्छराण पणलक्खा । तित्थावयारवट्टणकालपमाणं णमिजिणस्स ॥ १२७२ व ५०१८०० । चउरासीदिसहस्सा तिणि सया होति विउणचालीसा । वरधम्मपयपयट्टणकालो सिरिणेमिसामिस्स ॥ १२७३ व ८४३८० शान्तिनाथ जिनेन्द्रका मोक्षोपदेशकाल अर्द्ध पल्य और बारहसौ पचास वर्षप्रमाण कहा गया है ॥ १२६७ ॥ प. ३ वर्ष १२५० । कुंथुनाथ स्वामीका वह काल शून्य, पांच, दो, सात और छह स्थानोंमें नौ, इन अंकोंसे निर्मित संख्याप्रमाण वर्षोंसे हीन पल्यके चतुर्थभागप्रमाण है ॥ १२६८ ।। प.? - ९९९९९९७२५० । अरनाथ जिनेन्द्रके निर्वाणपदप्रवर्तनकालका प्रमाण तेतीस हजार नौसौ वर्ष कम एक हजार करोड़ वर्ष है ॥ १२६९ ॥ ९९९९९६६१०० । श्रीमल्लिनाथ स्वामीका मोक्षमार्गप्रवर्तनका काल बावन हजार छहसौसे रहित पचवन लाख वर्षप्रमाण है ॥ १२७० ।। वर्ष ५४४७४०० । सुव्रत जिनेन्द्रका निश्रेयसपदप्रवर्तनकाल छह लाख पांच हजार वर्षप्रमाण है ॥१२७१॥ ५०००। __ नमिनाथ जिनेन्द्र के तीर्थावतारवर्तनकालका प्रमाण पांच लाख एक हजार आठसौ वर्ष है ॥ १२७२ ॥ वर्ष ५०१८०० ।। श्रीनेमिनाथ स्वामीका उत्कृष्ट धर्मपथके प्रवर्तनका काल चौरासी हजार तीनसौ और चालीसके दुगुणे अर्थात् अस्सी वर्षप्रमाण है ॥ १२७३ ॥ वर्ष ८४३८० । . १ द ब संग. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001274
Book TitleTiloy Pannati Part 1
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorA N Upadhye, Hiralal Jain
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1956
Total Pages598
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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