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-२..१५१]
बिदुओ महाधियारो
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दसजोयणलक्खाणिं छस्सयसोलससहस्सछासट्टी । दोणि कला तुरिमाए वादिंदयवासपरिसंखा ॥ १४६
१०१६६६६ । २।
पणवीससहस्साधियणवजोयगसयसहस्सपरिमाणा । तुरिमाए खोणीए खलखलणामरस वित्थारो॥ १४७
. ९२५०००। लक्खाणि अट जोयणतेत्तीससहस्सतिततत्तोसा । एकाला तमइंदयवियोरो पंचमधराए ॥ १४८
८३३३३३ ।।
सगजोयणलक्खाणिं इगिदालसहर छसयछासट्ठी । दोणि कला भमइंदयरुंदो पंचमधरित्तीए ।। १४९
७४१६६६ । २ ।
छजायणलक्खाणिं पण्णाससहस्ससमधियाणि च । धूमप्पहावणीए झसइंदयरुंदपरिमाणा ।। १५०
६५००००। लक्खाणि पंच जोयणअडवण्णसहस्सतिसयतेत्तीसा । ऐककला यधिंदयवित्थारी पंचमखिदीर ॥ १५१
५५८३३३ । १।
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चतुर्थ भूमिमें वाद नामक छठे इन्द्रकक विस्तारका प्रमाण दश लाख सोलह हजार छहसौ छयासठ योजन और एक योजनके तीन भागों से दो भागप्रमाण है ॥ १४६ ॥
११०८३३३३ - ९१६६६३ = १०१६६६६३ । चौथी पृथिवीमें खलखल ( खडखड ) नामक सातवें इन्द्रकका विस्तार नौ लाख पच्चीस हजार योजनप्रमाण है ॥ १४७ ॥ १०१६६६६३ - ९१६६६३ = ९२५००० ।।
पांचवीं पृथिवीमें तम नामक प्रथम इन्द्रकका विस्तार आठ लाख तेतीस हजार तीनसौ तेतीस योजन और एक योजनके तीसरे भागप्रमाण है ॥ १४८ ॥
___९२५००० - ९१६६६३ = ८३३३३३३ । पांचवीं पृथिवीमें भ्रम नामक द्वितीय इन्द्रकका विस्तार सात लाख इकतालीस हजार छहसौ छयासठ योजन और एक योजनके तीन भागों से दो भागप्रमाण है ॥ १४९ ॥
८३३३३३३- ९१६६६३ = ७४१६६६३।। धूमप्रभा पृथिवीमें झष नामक तृतीय इन्द्रकके विस्तारका प्रमाण छह लाख पचास हजार योजन है ॥ १५० ॥ ७४१६६६३ - ९१६६६३ = ६५०००० ।
__पांचवीं पृथिवीमें अंध नामक चतुर्थ इन्द्रकका विस्तार पांच लाख अट्ठावन हजार तीनसौ तेतीस योजन और एक योजनके तीसरे भागप्रमाण है ॥ १५१ ॥
६५०००० - ९१६६६३ = ५५८३३३३ ।
१ द तमयं इंदय, ब तमयंदय. २ द ब एक्ककलायंदिदिय.
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