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ग्रंथसमर्पण
आचार्य विमलसूरिविरचित अतिमहत् पउमचरिय का सम्पादन अतिपरिश्रम से डॉ. जेकोबी ने किया था। वे पश्चिमदेश (जर्मनी) में उत्पन्न हए थे फिर भी पूर्वभव में अभ्यस्त भारतीयविद्या के प्रसादरूप जन्मान्तर के संस्कार से वे इस महत् कार्य को सम्पन्न कर सके थे ऐसा मानता हुआ. उन के मात्र ज्ञानोद्यम से प्रेरित हो कर मैं पउमचरिय के इस द्वितीय संशोधित संस्करण के प्रथम खंड को स्वर्गस्थ श्रीजेकॉवी को श्रेष्ठबोधिलाभ का आशिर्वाद दे कर समर्पित करता हूँ।
सर्व जीवों का कल्याण हो।
मुनि पुण्यविजय
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