________________
( १४ )
२१८ २२६
२४८
२५६
لہ
२८६
الله
२० घृणा : समग्र समाज में व्याप्त हिंसा का मूल २१ जातिवाद : सामाजिक हिंसा का अग्रदूत २२ पवित्रता से सामाजिक अहिंसा की प्रतिष्ठा २३ शोषण : सामाजिक हिंसा का स्रोत २४ आर्यकर्म और अनार्यकर्म २५ कृषि अल्पारम्भ और आर्यकर्म है २६ अहिंसा और कृषि २७ मानवजीवन और कृषि-उद्योग २८ रोजी, रोटी और अहिंसा २६ श्रावक और स्फोटकर्म ३० गौरक्षा का प्रश्न और अहिंसा ३१ सांस्कृतिक क्षेत्र में अहिंसा की दृष्टि ३२ वैचारिक अहिंसा और अनेकान्त ३३ जीवन के चौराहे पर
alr 0 mo 9 rur
لله
३४७ ३६२
س
له
३७४
لله
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org