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________________ [२] ६-३२८ ६-१८५ ६-२३२ ३-१०९ ६-१६५ ६-२२६ १-१०७ ५-३४ ७-१३७ ७-९५ ५-१२३ ६-४१० १-२१८ ६-१०५ ६-२१ ७-६९ ६-१८४ ५-८० २-६२ २-४४ २-२७ अपुज्जो वा विहं जम्मे अपुल्वनाण गहणे अप्पमादी खवे कम्म अप्पसत्थे य जे भावे अप्पहियं कायव्वं अप्पेण वि कालेणं के अफासु-पाणपरिभोग अबोहिलाभियं कम्म अयाले नत्थि ते मच्च अलियवयणस्स विरई अलिया एवंविहं धम्म अववाएण वि कारण अवितह भणियं नुतं अविस्साम दुक्खहेऊयं असंखेयाऊ मणुयाणं असंजम-अहम्मं च असंजमं भण्णती पावं असण्णी दुविहे णेए असावज्ज कहा समणी असिणेह पीइ पुव्वेणं असिवण वेयरणीजंते असुय-मुसा-अनिट्ठवयणं असोक्खं वेयणा बाहा अह अण्णो उवसामिउं सक्को अह किलामे तओ भणिया अह खरुट्ट-बइल्लेसुं अह चिढ़े खणमेगं तु अह जा अमरपरिग्गहिया अह तं कुंथु वावाए अह तारिसे वि इड्डी अह पंचमुट्ठियं लोयं अहवा कह उत्थल्लउ अहवा कहवि पमाएणं अहवा किंथ विसाएणं अहवा कि कंथ-जाणियाओ अहवा कीस ण लज्जड़ १-२०३ २-३ १-१५५ १-१५१ २-१४० २-५९ २-२८ ६-४९ २-४० २-९० २-१३१ ६-३१९ २-३८ ३-८१ ६-१५९ ४-७ ६-२३७ , १-५ २-५१ अहवा गोयमा ! पच्चखं अहवा चिटुंतु तावेए अहवा चिंतिज्जइ दुक्खं अहवा जत्तो जत्तो अहवा णहि णहि सो अहवा नहि भयवं! अहवा नाऊण गुणंतराई अहवा पत्थावमिणं अहवा मुणियं तु परमत्थ अहवा स लंछणो चंदो अहवा सव्वाई सेयाई अहवा सो च्चिय जाओ अहवा हा, हा अहं अहवा हा हा अहं मूढो अहवा हा हा न जुत्तमिणं अह सा पर ववएसेणं अह सो लक्खणदेवीए अहाकम्मुद्देसिय अहो ! अच्छेरयं अज्जं अहो तित्थंकरेणम्हं अहो लावण्णं कंति आउट्टीय महापावे आएसमवीमाणं आगंपियासणा चउरो आगमविऊकयाई सेयं आजम्मेणं तु जं पावं आणाभंगमबोही य आमे घडे निहत्तं आया अनिच्छमाणो वि आयारमायरंते एगखेत्ते आया सयमेव अत्ताणं आरंभे पत्थियस्सेग आरंभे वट्टमाणस्स आलंबण भरिओ लोओ आलावाओ पणओ आलोइय निंदिय गरहिओ ४-११ ६-२४० ६-१७ ३-१० ७-११५ ६-५४ ६-१७४ ६-२५९ ६-२४९ ६-२७५ ३-१२६ ६-१५६ ६-२२४ ६-३१७ १-१०३ ४-५ ६-३१६ ५-११ ६-१२२ १-२३ ५-१२८ १-१७४ ५-७७ १-९ २-१६१ २-१६५ ६-३२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001149
Book TitleAgam 39 Chhed 06 Mahanishith Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Rupendrakumar Pagariya, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Granth Parishad
Publication Year1994
Total Pages284
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_mahanishith
File Size19 MB
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