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अपभ्रंशप्रकरणम् ।
जइ' रथसि बाइडिअर हिअा मुद्ध - महाव | लोहें फुट्टणपण' जिम्ब' पणा सहसा ताव ॥ १७ ॥
हुडुरु - घुग्घादयः शब्द- चेष्टानुकरणयोः ॥ ४२३ H अपभ्रंश हुदुर्वादयः शब्दानुकरणे मुग्धादय श्रेष्ठानुकरणे यथासंख्यं प्रयोक्तव्याः । मई जाणिउं' बुड्डीसु' हङ" पेम्म - द्रहि हुहुरुत्ति" ।
नव रि" अचिंतिय" संपडिय* विप्पिय" - नाव झडत्ति ॥ १ ॥
आदिग्रहणात् ।
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खज्जइ नउ कसरकेहिं पिज्जइ वर घुटेर्हि" ।
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एम्बइ " होइ सुहच्छडी पिएं" दिट्ठे नयणेहिं ॥ २ ॥
इत्यादि ॥
अज्जवि नाहु महु ज्जि घरि सिद्धत्था वंदेइ ।
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· ताडं जि" विरहु गवक्खेहिं मकड" - घुग्विउ" देइ* ॥ ३ ।।
आदिग्रहणात् ।
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सिरि जर" - खंडी लोअडी गलि मणियडा न वीस । तो व गोडा कराविआ मुद्धए उट्ठ - बईस ॥ ४ ॥
इत्यादि ॥
घरमादयोऽनर्थकाः " ॥ ४२४ ॥
अपभ्रंशे घइमित्यादयो निपाता अनर्थकाः प्रयुज्यन्ते ॥
4 सुद्ध AC.
8 जाणिउ BD.
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1 अह T. 2 आइडिया AC. 3 हियडा A. 6 जेम्व D, जिस 'I', जिवँ V. 7 घुग्ध्यादयः D. 10 हउ A. 11 हुहुरति AC, हुहुरुति B. 12 णवरि I. BP, यचिन्तिr C. 14 संपडिअ BCPT. 15 विप्पिअ DPT. A. 17 घुट्टेहिं A, घुहिं C. 18 एम्बई CP, एमइ T. 19 पिए AT. T. 21 A omits. 22 मक्कड BDP. 23 घुग्धिड C, घिग्घउ T. 24 देअउ A. 25 जड A. 26 मणिअडा BT. 27 नर्थकाः ABD
सुषिर D
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5 फुट्टएन B.. 9 बुडी T. 18 अचिंति
16 कुत्ति 20 नभणेहिं
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