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जह
वीयं परिसिटुं-सद्दाणुक्कमो मूलसहो सक्कयत्थो सुत्तंकाइ । मूलसहो सक्कयत्थो सुत्तंकाइ
२१२२, २१३५ [१], जहण्णगुणकालयाणं जघन्यगुणकालकानाम् २१७० [२] गा. २२९
४५७ [१], ४६८ [१], यथा १ गा. ३, ५३ गा.
४७५ [१], ४९१ [१], ४५-४६, ५४ [१०]
५३८ [१], ५३९ [१], गा. १०२, २११ गा.
५४१ [१], ५४२ [१], १७४ गा. १७६, पृ २९०
५४३ [१], ५५७ [१]
टि. १ जहण्णगुणसीतस्स जघन्यगुणशीतस्य ५४७ जहण्ण जघन्या २११ गा. १६५
[१], ५५२ [१] जहण्ण . जघन्य ९४८ गा. २०० जहण्णगुणसीताणं जघन्यगुणशीतानाम् ५५१ जहण्णउक्कोसियाए जघन्यत्कृष्टया १५६६
[१], ५५२ [१], जहण्णएहिंतो जघन्यकेभ्यः १२४७, जहण्णगुणसीते जघन्यगुणशीतः५४७[१],
१२४९
५५० [१], ५५१ [१], जहण्णगं जघन्यकम् १७१२,
५५२ [१]
जहण्णगुणसीयस्स जघन्यगुणशीतस्य ५४८ जहण्णगा जघन्यकानि १२४७ तः
__ [१], ५५० [१], ५५.१
[१] जहण्णगाणं जघन्यकानाम् १२४७ जहाणगुणसीयाणं जघन्यगुणशीतानाम् जहण्णगुणकक्ख- जघन्यगुणकवंशस्य ५४५
५४७ [१], ५४८ [१], डस्स []
५५० [१] जहण्णगुणकक्खडाणं जघन्यगुणकर्कशानाम् ,, जहण्णचक्खुदंस- जघन्यचक्षुर्दर्शनिन: ४६२ जहण्णगुणकक्खडे जघन्यगुणकर्कशः ।
णिस्स जहण्णगुणकालए जघन्यगुणकालकः ४५७ जहण्णचक्खुदसणी जघन्यचक्षुदर्शनी ,,
[1], ४६८ [१], ४७५ जहण्णचक्खदसणीणं जघन्यचक्षुर्दशनिनाम ... [१], ४८३ [१], ४९१ जहण्णजोगिस्स जघन्ययोगिनः २१७५ [१], ५३८ [१], ५३९ जहण्णद्वितीए जघन्यस्थितिकः ४५६ [1], ५४१ [१], ५४२
[१], ४६७ [१], ५३५ [१], ५४३ [१], ५५७
[१]]
जहाणद्वितीयस्स जघन्यस्थितिकस्य जहण्णगुणकालगस्स जघन्यगुणकालवस्य ४५७
__ ४५६ [१] [१], ४६८ [२], ४८३
जहगणतियाणं जघन्यरिथतिकानाम् । [१], ४.१ [१], ५३८
४६७ [१], ५३५ [१], [1], ५३९ [१], ५४१
५५६ [१] [१], ५४२ [१]
जहण्णठितिबंधए जघन्यस्थितिबन्धकः जहणगुणकालगागं जघन्यगुणकालकानाम् ४८३ [१]
१७४२ तः १७४४ जहण्णगुणकालयस्त जवन्यगुणकालकस्य ४७५
जहण्णठितीए जघन्यस्थितिकः ४७४ [१], ५४३ [१], ५५५
[१], ४८२ [१], ४९० [१], ५३२ [१], ५३३
[१]
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