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अपजत्त०
वीयं परिसिटुं-सहाणुकमो मूलसद्दो सक्कयाथो सुत्तंकाइ । मूलसद्दो सक्कयत्यो सुत्तंकाइ - अपच्चक्खाय अप्रत्याख्यात ८९९ उयगम्भवकं- व्युत्क्रान्तिकअपज्जत्त अपर्याप्त ३५३, ४२७[२] तियतिरिक्ख- तिर्यग्योनिक
__, १५८, ३६५ जोणियपंचेंदिय- पञ्चेन्द्रियवैक्रिय[२], ३६६ [२], ३६८ वेउब्वियसरीरे शरीरम् १५१८[५] [२], ३६९[२], ३७० अपज्जत्तगणामाए अपर्याप्तकनाम्नः [२], ३९९[२], ४००
१७०२ [४७] [२], ४०३[२], ४०५ अपजत्तगरयणप्प- अपर्याप्तकरत्नप्रभा
[२],४०९[२],६५० [५]] भापुढविगेरइय- पृथ्वीनैरयिक-अपज्जत्त- अपर्याप्त १५२० [५] पंचेंदियवे- पञ्चेन्द्रियवैक्रियअपजत्तए अपर्याप्तकः १३०२,१३८४
उब्वियसरीरे शरीरम् १५१७[२] ०अपज्जत्तए ,, १२७७, १२७८, अपजत्तगसम्मु- अपर्याप्तकसम्मूर्छिम
१२९१, १२९२ च्छिमतिरिक्ख- तिर्यग्योनिक०-अपज्जत्तए , १२६६[१], जोणियपंचेंदिय- पञ्चेन्द्रियौदारिक
१९०५१-२] ओरालियसरीरे शरीरम् १४८४ [२] अपजत्तएसु अपर्याप्तकेषु ६६८ [५], अपज्जत्तगसंखेज- अपर्याप्तकसङ्खयेय
१९०७ वासाउयकम्म- वर्षायुष्कर्मभूमकअपज्जत्तएहितो
अपर्याप्तकेभ्यः ६३९ भूमगगब्भवक्कं गर्भव्युत्क्रा[१५, १७-१८, २०, तियमणूसपंचें- तिकमनुष्य२२, २६], ६४५[५], दियवेउव्विय- पञ्चेन्द्रियवै
६५० [६,१२], ६६२[५]] सरीरे क्रियशरीरम् १५१९[४] अपज्जत्तग अपर्याप्तक ३८२[२], अपज्जत्तगसंखेज- अपर्याप्तकसङ्ख्येयवर्षायुष्क
६३९[११] वासाउयगन्भ- गर्भव्युत्क्रान्तिकअपजत्तग० __, ३४४ [२], ३८३ वऋतियतिरिवख- तिर्यग्योनिक
[२], ३९० [२], ६३९ जोणियपंचेंदिय- पञ्चेन्द्रियवैक्रिय[६, ९, ११, १४-१५], वेउब्वियसरीरे शरीरम् १५१८[३]
१५३३ [६] अपज्जत्तगसुहुमपुढ- अपर्याप्तकसूक्ष्मअपजत्तगअसुर- अपर्याप्तकासुर
विक्काइयएगिं- पृथ्वीका यिकुमारभवण- कुमारभवन
दियओरालिय- कैकेन्द्रियौदारिकवासिदेव- वासिदेव
सरीरे शरीरम् १४७८[२] पंचेंदियवे. पञ्चेन्द्रिय
अपजत्तगसुहुम- अपर्याप्तक सूक्ष्मउब्वियसरीरे वैक्रियशरीरम् १५२० [३] ___ वाउकाइया वायुकायिकाः ३३ अपजत्तग- अपर्याप्तक
अपर्याप्तकाः २५[१-३], गम्भवक्कंतिय- गर्भव्युत्क्रान्तिक
२८[२.४], ३०, ३१ मणूसपंचेंदिय- मनुष्यपञ्चेन्द्रियौदारिक
[२-४], ३४[२-३], ५५ ओरालियसरीरे शरीरम् १४८७ [२]
[१-३], ५६[२], ५७ अपजत्तगजलयर- अपर्याप्तकजलचरस
[२], ५८[२], ६०, ९३, संखेजवासा- हयेयवर्षायुष्कगर्भ
१४० [२], १४१[२],
अपज्जत्तगा
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