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पण्णवणासु पढमे पण्णवणापप
जस्स बीयस्स भग्गस्स हीरो भंगे पदीसति । परित्तजीवे उसे बीए, जे यावऽण्णे तहाविहा ॥ ७५ ॥ [५] जस्स मूलस्स कट्ठाओ छली बहलतरी भवे ।
अणंतजीवा उ सा छल्ली, जा यावऽण्णा तहाविहा ॥ ७६ ॥ जस्स कंदस्स कट्ठाओ छली बहलतरी भवे ।
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[सु. ५४
अनंतजीवा तु सा छली, जा यावऽण्णा तहाविहा ॥ ७७ ॥ जस्स खंधस्स कट्टाओ छली बहलतरी भवे ।
अणंतजीवा उसा छली, जा यावऽण्णा तहाविहा ॥ ७८ ॥ जीसे सालाए कट्ठाओ छल्ली बहलतरी भवे ।
अणंतजीवा उ सा छल्ली, जा यावऽण्णा तहाविहा ॥ ७९ ॥ [६] जस्स मूलस्स कट्ठाओ छल्ली तणुयतरी भवे ।
परित्तजीवा उसा छली, जा यावऽण्णा तहाविहा ॥ ८० ॥ जस्स कंदस्स कट्टाओ छल्ली तणुयतरी भवे । परित्तजीवा उ सा छली, जा यावऽण्णा तहाविहा ॥ ८१ ॥ जस्स खंधस्स कट्ट्ठाओ छली तणुयतरी भवे । परित्तजीवा उ सा छली, जा यावऽण्णा तहाविहा ॥ ८२ ॥ जीसे सालाए कट्ठाओ छल्ली तणुयतरी भवे । परित्तजीवा उ सा छली, जा यावऽण्णा तहाविहा ॥ ८३ ॥ [७] चक्कागं भज्जमाणस्स गंठी चुण्णघणो भवे । पुढविसरिसेण भेएण अणंतजीवं वियाणाहि ॥ ८४ ॥ गूढछरागं पत्तं सच्छीरं जं च होति णिच्छीरं । जं पि य पणट्ठसंधिं अनंतजीवं वियाणाहि ॥ ८५ ॥ [८] पुप्फा जलया थलया य वेंटबद्धा य णालबद्धा य । संखेज्जमसंखेज्जा बोधव्वाऽणंतजीवा य ॥ ८६ ॥ जे केइ नालियाबद्धा पुप्फा संखेज्जजीविया भणिता । णिहुया अणंतजीवा, जे यावऽण्णे तहाविहा ॥ ८७ ॥ पउमुप्पलिणीकंदे अंतरकंदे तहेव झिली य ।
१. पुढवीसरिसभेएण जे० म० पु२ ॥ २. यावऽण्णा प्र० ॥ ३. अणंतर जे० ध० म० प्र० ॥
४. जिल्ली जे० म० प्र० ॥
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