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पण्णवणासुत्ते पढमे पण्णवणापए
[सु. ३३३३. से किं तं सुहुमवाउक्काइया ? सुहुमवाउक्काइया दुविहा पन्नत्ता । तं जहा-पज्जत्तगसुहुमवाउक्काइया य अपज्जत्तगसुहुमवाउकाइया य। से तं सुहुमवाउक्काइया।
३४. [१] से किं तं बादरवाउक्काइया १ बादरवाउक्काइया अणेगविहा ५ पण्णत्ता । तं जहा – पाईणवाए पडीणवाए दाहिणवाए उदीणवाए उडूवाए
अहोवाए तिरियवाए विदिसीवाए वाउभामे वाउक्कलिया वायमंडलिया उक्कलियावाए मंडलियावाए गुंजावाए झंझावाए संवट्टगवाए घणवाए तणुवाए सुद्धवाए, जे यावऽण्णे तहप्पगारे ।
[२] ते समासतो दुविहा पण्णत्ता । तं जहा-पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य । [३] तत्थ णं जे ते अपज्जत्तगा ते णं असंपत्ता।
[४] तत्थ णं जे ते पज्जत्तगा एतेसि णं वण्णादेसेणं गंधादेसेणं रसादेसेणं फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई, संखेजाइं जोणिप्पमुहसयसहस्साइं। पजत्तगणिस्साए अपज्जत्तया वक्कमंति-जत्थ एगो तत्थ णियमा असंखेजा। से तं बादरवाउक्काइया। से तं वाउक्काइया ।
[सुत्ताई ३५-५५. वणस्सइकायजीवपण्णवणा] ३५. से किं तं वणस्सइकाइया ? वणस्सइकाइया दुविहा पण्णत्ता । तं जहा -सुहुमवणस्सइकाइया य बादरवणस्सतिकाइया य ।
३६. से किं तं सुहुमवणस्सइकाइया ? सुहुमवणस्सइकाइया दुविहा पन्नत्ता । तं जहा- पजत्तसुहुमवणस्सइकाइया य अपज्जत्तसुहुमवणस्सइकाइया २० य । से तं सुहुमवणस्सइकाइया ।
३७. से किं तं बादरवणस्सइकाइया ? बादरवणस्सइकाइया दुविहा पण्णत्ता। तं जहा–पत्तेयसरीरबादरवणप्फइकाइया य साहारणसरीरबादरवणप्फइकाइया य।
३८. से किं तं पत्तेयसरीरबादरवणप्फइकाइया ? पत्तेयसरीरबादरवण२५ प्फइकाइया दुवालसविहा पन्नत्ता । तं जहा
रुक्खा १ [च्छा २ गुम्मा ३ लता य ४ वल्ली य ५ पव्वगा चेव ६।
मिनार
१.वाए स्थाने °वाते ध० ॥ २. वाउमं पु२॥ ३. उक्कलिवाए मंडलिवाए जे०॥ ४. गुंजालियावातेध०॥५. झुंझावाए जे०॥६. संवट्टवाए जे० म०पुर। संवद्यावाए ध०॥७. गच्छा जे०॥
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