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________________ ३३६ 'पदण्णयसुत्ताई भाग १-२' गंथाणं गाहाणं अणुक्कमो गाहा. गाहको गाहा गाईको १५३४ लोगाणुभावणियतं ३१४८ लजाए , जे ना८५२ लोगुत्तमपुरिसेहिं ४४३१ " " "बहु213 लोगुत्तमा वि एए 2651 , गारवेणं , १०३३ लोभेण अणप्पज्झो १३६५ लद्धं अलद्धपुव्वं २८७६ लोहसमुद्दनिबुड्डो 2785 लद्धं तु मए एवं २३५९ लोहाण य उप्पत्ती ४६७९ लभ्रूण य सम्मत्तं ४७३७ लोहियदूसियवस्थं 1301 " वि माणुस्सं पुरिसा ५९४ लोहिय हालिद्दा पुण २५९ " " " सुदुल्लहं ५९३, १४०० लोहेण पीयमुययं 1231 लद्धे य संजमे सो 1194 लद्धो सिरिजिणधम्मो 334, 2013 लभंति अमर-नर-संपयाओ 581 वइरपभ वइरसारे २२०२ लल्लवनिरयवियणाउ २७५०, 1490 वसाह चेत्त वइसाह ३९५४ लवणयमुहसामाणो वइसाहमासखमणं लहइ कुमारी सुवरं ३११४ वइसाहसुद्धएक्कारसीए ४६४१ ,, चरिचविसुद्धो पृ० ८७ टि. वइसाहसुद्धदसमीए ४६३५ " य उववासफलं ३११६ वगंति फोडणं(य)ति य ३७७९ लहिऊण वा मुणीणं 921 वग्धि व्व घोरहिययाओ 1510 , वि संसारे ८१९ वच्चाओ असुइतरे ४५९ लाभम्मि जे ण सुमणो २०७१ वजरिसभसंघयणा ३६१८ लाभे अलाभेसु य ५२७ वजसु सुहसीलतं 114 लीढसिलेसा तुच्छ व्व 1139 वजित्ता विकहाओ 1332 लीला अलसमाणस्स २८८७ वजियपावट्ठाणो 1945 लुद्धा य पुहइपाला ४४४२ वजिंदनील-मरगय 2365 ,,, साहुवग्गा ४४४१ वजेइ अट्ट-रुड़ 2179 लुप्पती जस्स जं अस्थि १७१४ वजेजणारियं भावं १७६९ लुयकन्ना के वि कया 455,2147 वजेसु कुर्ससगि 1906 लेसाईयं पत्तो 1777 , नव नियाणे 571 लेसाण सुक्कलेसा २३६३ वजेह अप्पमत्ता २९४६, 1135 लोइय-वेइय-सामाइएसु , वजणिजं 1113 लोए पूयं दण 726 वजेंदनील-मरगय २५८५ , वि अलियवाई 603 वढू थ वलयगं पिव लोगगुरूगं ताणं 2436 " वट्टस्सुवरि २१२ लोगविजयं करितेण २४७० वड-खयर-पलासा निंब 2063 लोगसहावो धी धी! १३४७ वडूइ जणवयवंसो ४६५० लोगतियदेवाणं 406,2098 वडुंतओ विहारो 1110 लोगतियपडिबोहिय 239 ! वद्धृति एगपासे २१६१ २१० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001045
Book TitlePainnay suttai Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Amrutlal Bhojak
PublisherMahavir Jain Vidyalay
Publication Year1987
Total Pages427
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, agam_anykaalin, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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