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________________ २५२ गाहा गाहा गाहंको पढमं परिसि गाईको ३२०० ३७७२ २३१४ ३६८७ अभिवद्दितो मास अभिसिंचर दस वि जिणे अभिसेका sलंकारियअमगुण्गदुरभिगंधिओगे अमणुष्णं भोयणं भोच्चा अमन-मगुन्ने सद्देसुं ४१५४ अर-मल्लिअंतरे दोन्नि अर-मल्लि जयंताओ अरहट्टघडीसरिसी अरहंतचे वा 1738 अरहंतणमोकारो इ ३८५२ 1295 1271 2437 2438 1401 209 1718 2771 ७६८ 1394 सोय अममे निकला य तम्हा अरहंत मुक्काको अरहंत सक्खियं सिद्धअरहंत - सिद्ध-केवलिअरहंत-सिद्ध-गणहरअरहंत-सिद्ध-चेइय- गुरूसु अरहंत - सिद्ध-बेइय-पवयणअरहंत-सिद्ध-पवयणअरहंत सिद्ध साहू २०१६ 426 2118 ४६५८ 2200 २४८० ४६३८ 9 ४१२८ ૪૮૪ २५२४ ५८ ૮૪૪ २७६३ अमवाहसरिसे अमर-नर-असुरवरपहुअमर-नर-रायमहिओ अमर-नर- बंदिए वंदिऊण अमरपरिग्गहियाई अमरवरे अनोम अमरिंद-नरिंद-मुणिंदअमिय इस्स वि विसओ १४१६ 10 235 903, 2597 अरहंताणं तुम अरहंताणं सरणं अरहंता मंगलं मज्झ अरहाइनमोकारो अरहाइसु वच्छलं 236 १४११, १५५५ अमुगम्मि इओ काले अमुनियमणपरिकम्मो अमोहे सुप्पबुद्धे य २२४८ अम्मा-पियरो भाया अहं आयरियाणं १३९४ ४२४८ 140, 1107 अरहादि अंतिगे सो अरिमारएण निवइम्मि अरिहत्तं अरिहंते 905, 2599 1903 1839 1862 २५७१ २७१६ २५३८ अम्हे विखमावेमो अयगोलओ व काओ अरिहंतन मुक्का अरिहंत सरणमलमुद्धि 2223 अयणगते तिधिरासी अयणाणं संवेवे अय तंत्र तय सीसग - रयय ३५३२ ३४४५ 1965 अरिहंतसरणवरजलअरिहंत - सिद्ध-आयरि 245 2734 २७९८ अरिहंत - सिद्ध-केवलि सीसागरा 286 * अयते खलु भो ! जीवे वजं १७६६ ११९९ अरिहंत-सिद्ध-चेइयअरिहंत सिद्ध साहू अरिहा जोगा पूया अरिहे लिंगे सिक्खा अरुणवरवारिरासिं २७०९ २५२६ २४८४ 989 ४१२२ ४११९ पृ० २७२ टि०१ 1489 अलग्ग मकुटुंबिय अतिव दुनि अयले विजए भद्दे अयसमणत्थं दुक्खं अयसिवणं व कुसुमियं अरइरइ परविवायं अरई जाइयक अरजिणवरो य भरहे ४६२३ २७२२ १२४० ४०९२ Jain Education International अरुणसिहं द अरुणस्स उत्तरेण अरुह ! अरिहंत ! अरहंत ! अर्हतां जन्मकालेषु अर्हन्तो मम शरणं For Private & Personal Use Only १२५७ २३३८ २४७४ पृ० २७१ टि० १ 2705 www.jainelibrary.org
SR No.001045
Book TitlePainnay suttai Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Amrutlal Bhojak
PublisherMahavir Jain Vidyalay
Publication Year1987
Total Pages427
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, agam_anykaalin, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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