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२. आराहणापडाया 1283. गुणकारओ ति भुंजइ जहा सुहत्थी अपत्थमाहारं ।
पच्छा विवायकडुयं सल्लविसोही तहेसा वि २ ॥३५१॥ 1284. जं होइ अण्णदिलु तं आलोएइ गुरुसयासम्मि ।
अद्दिढं गृहितो तइओ आलोयणादोसो ॥ ३५२॥ 1285. जह वालुयाइ अयडो पूरइ उक्कीरमाणओ चेव ।
तह कम्मायाणकरी सल्लविसोही इमा होइ ३ ॥३५३॥ 1286. बायरमालोएई वयभंगो जत्थ जत्थ से जाओ।
पच्छाएइ य सुहुमं चउत्थ आलोयणादोसो ॥ ३५४ ॥ 1287. जह कंसियभिंगारो अंतो मइलो विसुद्धओ बाहिं ।
अंतो ससलदोसा सल्लविसोही तहेसा वि ४ ॥ ३५५ ॥ 1288. चंकमणे आयाणे निस्सिज्ज-तुयट्ट-मण-वईदोसे ।
__उल्ल सिणिद्ध सरक्खे य गुन्विणी बालवच्छाए ॥ ३५६॥ 1289. एमाइ लहुसगं जो आलोएइ य निगृहए थूलं ।
भय-मय-मायासहिओ होइ य से पंचमो दोसो ॥ ३५७॥ 1290. रसपीयलं व कडयं, जह वा जुत्तीसुवण्णयं कडयं ।
जह व जउपूरकडयं सल्लविसोही तहेव इमा ५॥ ३५८॥ 1291. जइ मूलगुणे उत्तरगुणे य कस्सइ विराहणा हुन्जा ।
पढमे बिइए तइए य चउत्थे पंचमे व वए ॥ ३५९ ॥ 1292. को तस्स दिज्जइ तवो ? इय पच्छण्णं पपुच्छिउँ कुणइ ।
सयमवि पायच्छित्तं छट्ठो आलोयणादोसो ॥३६० ॥ 1293. मयतण्हाओ उदयं इच्छइ, कूरं च चंदपरिवेसे ।
जो सो इच्छइ सोहिं अकहिंतो अप्पणो दोसे ६ ॥३६१॥ 1294. पक्खिय-चाउम्मासिय-संवच्छरिएसु सोहिकालेसु ।
सदाउले कहेई दोसे से होइ सत्तमओ ॥ ३६२॥ 1295. अरहट्टघडीसरिसी अहवा बुंदंछिओवमा होइ ।
भिण्णघडसरिच्छा वा सल्लविसोही इमा तस्स ७॥३६३॥
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