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सिरिवीरभद्दायरियविरइया 1008. पमुहपरिणाममहुरं पमायदढसेलवजमणवज्ज ।
जिणवयणमणुगुणिज्जा अहोणिसं पावकलुसहरं ॥ ७६ ॥ 1009. भदं समत्तभदस्स तस्स पायडियसुगइमग्गस्स ।
जिणवयणस्स भगवओ संविग्गसुहाभिगम्मस्स ॥ ७७॥ 1010. आयहियपरिण्णा १ भावसंवरो २ नवनवो य संवेगो ३।
निकंपया ४ तवो ५ भावणा ६ य परदेसियत्तं ७ च ॥ ७८ ॥ 1011. नाणेण सव्वभावा जीवाऽजीवाऽऽसवाइया तहिया ।
नजंतिह-परलोए अहियं च हियं च तह चेव ॥ ७९ ॥ 1012. आयहियमजाणंतो मुज्झइ मूढो समाइयइ कम्मं ।
कम्मनिमित्तं जीवो भमिही भवसायरमणतं ॥ ८॥ 1013. जाणंतस्साऽऽयहियं अहियनियत्तीय हियपवित्तीय ।
होइ जओ से जम्हा, आयहियं आगमेयव्वं १ ॥८१॥ 1014. सज्झायं कुव्वंतो पंचिंदियसंवुडो तिगुत्तो य ।
होइ य एगग्गमणो विणएण समाहिओ भिक्खू २॥ ८२॥ 1015. जह जह सुयमवगाहइ अहिणवरसपसरसंजुयमउव्वं ।
तह तह पल्हाइ मुणी नवनवसंवेगसद्धाए ३ ॥८३॥ 1016. आओवायविहिण्णू ठिच्चा तव-नाण-दंसण-चरित्ते ।
विहरइ विसुद्धलेसो जावजीवं पि निकंपो ४ ॥ ८४॥ 1017. बारस विहम्मि वि तवे सभिंतर-बाहिरे कुसलदिखे।
न वि अत्थि न वि य होही सज्झायसमं तवोकम्मं ५ ॥ ८५॥ 1018. सज्झायभावणाए य भाविया हुँति सव्वगुत्तीओ।
गुत्तीहिं भावियाहिं मरणे आराहओ होइ६ ॥८६॥ 1019. आयहिय समुत्तारो आणा वच्छल्ल भावणा] भत्ती।
होइ परदेसियत्ते अव्बोच्छित्ती य तित्थस्स ७॥ ८७॥ सिक्खा ३॥
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