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°पिवास
वियाहपण्णत्तिसुत्तंतग्गयाणं सहाणमणुक्कमो १४१७ सद्दो पिट्ठ-पंतीए । सदो
पिट्ठ-पंतीए ७०५-१७ पुक्खरद्ध ११३-१२, १८७-१८, ४०७-१० पिवासा ८६-१८,४६४-७ पुक्खरवर
४०७-८ पिवासापरिसह
३७५-८ पुक्खलसंवट्टग-दृय २१२-१, ७२१-१३ पिवासा [वेयणा]
३०२-९ पुग्गल ७-१४, ९-१६, १७-२, २८५-४ पिवासित-सिय ५४-१४, ५५-३,
पुग्गलपरिणाम
२५३-१३ ७५४-१० * पुच्छ पिसायकुमार १७७-९ -पुच्छइ
१२५-७, ७२५-७ पिसायरण्णो-पिशाचराज्ञः
-पुच्छति १२५-७, ७५६-१, ७५७-८, पिसायवाणमंतर ३३५-२३, ९४१-६
८१९-२, ९९३-२ पिसाय वाणमंतर] ३२१-८,३२२-२२, - पुच्छंति १०५-४, १९७-७, २०२-८, ३२३-२३, ७६३-१०, ९५४-२४
५५६-१६, ५६१-१ * पिह=स्पृह
-पुत्छामो
१९९-१७ - पिहाइ
१४९-१०
-पुच्छिज्जइ १०७८-२३, ११४७-४ -पिहायित्ता
१४९-११
-पुच्छिति १०८३-४, १०८४-६, *पिहा
११४७-१९ -पिहित्ता
६३८-९
- पुच्छित्तए ७९-६, ३१३-१४, ७५७-३, -पिहेइ १५७-१६, ६३८-९.
८१८-११ पिहित २५८-१९ -पुच्छिस्सामि
१९९-१, ८२९-१० पिंगल [नियंठ] ७७-१३, ८०-१८,८२-७
७८-१ पिंड २०९-१७,३६१-१६
पुच्छा ९-६, ११६-१४, २१२-१२, पिंडवद्धण = कवलवृद्धिकरण ५४७-१३
३२०-३.४०१-२२, ५०१पिंडवायपडिया ३६१-१५, ३६२-११,
१२, ६०३-७, ७४६-१९, ३६३-१४
. ८०९-१८,९२३-७, १००१पिंडहलिद्दा २८५-१७
१,११४३-१९ पिंडि १५-२ पुच्छणी [भासा]
४९३-१० पिडिया ७०२-११, ७०४-१
पुच्छित-च्छिय ७८-१३, ८०-१९,८२पीइमण
८२-१
८, १०६-१४, १०७-५ पीढ १०१-१, ८३०-११ पुच्छियह
५४३-१, ६८९-१० पीतय= पीतक ५९२-१६ पुच्छियन्व
२६५-१७, ९९७-५ पीतिकारय
२०५-१७ पुट्ठ = पृष्ट ४८-१४, १९८-९, १९९-१९ पीतिदाण ५४४-७,५४५-१८,५४८-१७ ,, = स्पृष्ट ४३-३, ४४-१, ४५-३, पीतिय = पीतिक-पीत
८१३-२२
५५-१५, ५८-१, ५९-१ ८९८-३
७५-४, १५८-१, १९०-५, ५३८-६
१९४-६, २०७-२१, २०८पुक्खर पुष्कर-चर्मपुट . २६२-५
२, २५१-१०, ३७८-३, पुक्खरणी ३८२-३, ६५६-४
४८३-११, ५२४-४, ५८६पुक्खरिणी
२१७-४
४, ६३१ तः ६३४ पृष्ठेषु,
-पुच्छे
पील पीवर
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