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सहो
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बिइयं परिसिटुं पिट्ठ-पंतीए । सद्दो
पिट-पंतीए ११, ११४६-२१, ११५५-६, अंतकर ३३-१४, ३४-६, ६४-५, ११५९-५, ११६०-४,
१९७-२०, २००-१७, २०१-६
११६१-५ अंतकिरिया २३-५, ५६-१७, १५६-७, अंगुलपमाण २६१-३
१५८-३ अंगुलपुहत्त ८९३-१०,८९७-१७,
अंतकिरिया-पद-प्रज्ञापनासूत्रस्य ९११-११,९१९-१, ९५३-१२
विंशतितमं पदम् अंगुलिया
३५३-१७ अंतर ३०-७, ११८-५, २१५-१, अंचिअंचि
३५१-१३, ६०६-१३, ८२०-११, *अंछाव
१००५-२१, ११७२-१८ -अंछावेति
५४१-१८
अंतरदीव ४०६-३, ४०९-१,४८५-४ अंजण = अञ्जन-वायुकुमारदेव १७४-१०
अंतरदीवग
६०३-४ १७७-४ अंतरप्पा
८५-७ अंजणपुंजनिगरप्पगास
७०८-१३ अंतर-वास = अन्तरवर्ष, अन्तरावास ६९३-७ अंजलि ९३-२, १२६-१२, १३६-१२,
#अंतरा १६६-१९, ३६७-२१, ४९३-५, १३७-१०, १४६-१२, ३०४
६५८-११, ७०१-४, ८७०-२४
९, ३११-४ अंतराइय[कम्म] २३७-५, ३७५-५, अंजलिकम्म ७२०-२१, ७२१-१०,
३७६-१, ३९५-३, ४०१ तः ७२३-१४, ७२४-६
४०५ पृष्ठेषु, ४१६-१५, ५०८अंजलिपग्गह १०३-१, ४५२-१६,
१, ५९०-१४, ७५१-६, ६६४-१५
७७९-१६, ८०७-२, ८४६अंजलिमउलियहत्य ४५८-११, ६९४-१३
९, ८५७-२१, ८७४-१५,
१०६८-१२, १०७८-१२, अंजू = अजू-शनाप्रमहिषी ५०३-७
१०७९-१४, १०८४-८, अंडग-°डय ४६-११, २७८-११,
१०८६-२१, १०८७-१४, २८९-१६
१०९१-२,१११५-१,१११६अंत= अन्त-नाश १३-७, १३८-६,
३, ११३४-२१ २१०-८,३११-२२,४१७-३,
अंतराइयकम्मासरीरप्पयोगबंध ३९३-१ ५२७-१९,६०१-४,७१२-५, अंतराइयकम्मासरीर[प्पयोगबंध] ३९४-१६
८०३-४,१०४८-८,११७३-१७, अंतराइयकम्मासरीरप्पयोगनाम ३९४-१६ अंत= अन्त-निकट
७६३-१८ अंतरापह अंत = अन्त-निरसवस्तु ४७६-२१ अंतरायिय कम्म]
१११४-१४ अंत = अन्त-प्रान्त, अन्तिमभाग ४४-२,
अंतरिक्ख
अंतरित-रिय १२६-७, १३५-१३ ११०-१४ अंतहुंडी
११८७-१८ अंत=अन्त-प्रदेश, स्थान १४२-१६,
अंताहार
४८१-११ १४४-२४ अंतिम
७२३-१२, ७६३-१ अंत=अन्त-मरणान्त १५६-७, १५८-२ अंतिमसरीरिय ३३-१४,३४-६, ६४-१०, अंतकड ७६-१५, पृ० २०० टि० ३
१९५-२०, २००-१७
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