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Read नामकर्मको माबापरा.
समा० मषिकाया
पहा सिन्ध्वान्तरखा.
मप्रातु विष्यः यतैलि.
देवाभ्यां मनानू
प्रतुपया हजुरोहित चालुलोके
निखनः दिशि
1. 903. नाम कर्मणो 2. 1. नाम्ना परा. 2. 10. दिग्मुखम 2. 20. खमा 2. 41. गुशिकाया
53. बलः . 91. ग्रहाः 2. 109. .सिंधत्तरस्था. 2. 113. कांनः सु. 2. 126. भनास्तु 2. 151. वैष्टयः 2. 194. युतलि. 2.204. देवाभ्यामनागू० 2. 212. प्रसूतया 2. 217. पाज रोहित. 2. 241. चालुलुके 2. 254. दृटुं 2.269. निःखनः 2. 278. दे 2. 282. बलाहिका 2. 290. मोदेनेव 2. 294. ऽनवमिका 2. 303. दूर्वायाः 2.312. रस्मतुः 2. 320. .. 2. 339. पत्नयां 2.340. देवानां 2. 351. गंधागंध. 2.388. शक्रसामा. 2. 391. मिःखनः 2. 398. मपसर्प 2. 425. पृष्ठा 2. 429. पाण्डक. 2.449. .त्युचं महा. 2.467. पुरूष. 2.492. पाडके 2. 501. पक्षन 2.516. भवन. 2.522. प्राप्त
नोदेनेव নবন্ধিা दूर्वया •तरचतुः
धू. पलग्राः देवाया गंधा गंध. शक्रासामा० निखनैः •मुपसर्प प्रहा पाण्डक. त्युचमहा •पुरष.
भवन.
प्रामा
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