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11. गुरु वंदना की मुद्राएँ -
Posture of Guru Vandanä
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Fig 11
D. मुद्राओं का परिचय - INTRODUCTION OF POSTURES
द्वादशावर्त वंदन - dvādasävarta vandana
Fig 12
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Fig 13
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इच्छामि खमासमणो से मे मिउग्गहं तक खड़े होकर बोलें (चि. 3). निसीहि कहते हुए प्रमार्जन कर, कुछ आगे बढ़कर एवं पाँवों पर बैठकर अ--हो, का--यं, का--य; ज--त्ता--भे, ज--व--णि, ज्जं --च--भे - इन शब्दों का उच्चारण करते समय हाथ की विविध मुद्राएँ (चि. 11, 12, 13).
Fig 14
में नमन
संफासं शब्द कहते हुए चरवले पर हाथ रखकर, खमणिज्जो और खामि शब्द बोलते शरीर को हु झुकाकर यथाजात मुद्रा करें (चि. 14).
1. Recite icchämi khamäsamano to me miuggaham in standing pose (Pic. 3).
2. Various poses of hands while uttering the words--a--ho, kä-yam,
kä--ya; ja--ttä--bhe, ja--va--ni, jjan--ca--bhe after saying nisihi, moving a little farward, doing the pramärjana and sitting on the legs (Pic. 11, 12,13).
PRATIKRAMAN SUTRA BOOK